बाबाजी की जय हो
बाबाजी की जय हो| बाबाजी बहोत ज्ञानी थे, बस्स उनके अनुयायी बिलकुल हरामी थे| बाबाजी तो धर्म का प्रचार करते थे, अनुयायी तो संप्रदाय बनाकर उस का प्रसार करते थे| बाबाजी तो सभ्यता और संस्कृति के आग्रही थे, अनुयायी तो रूढ़ि परंपरा लोगों मे थोंपना चाहते थे| बाबाजी सत्य के पथपर चलने का आदर्श रखते थे, अनुयायी झूठ फैलाकर जुमलेबाजी किया करते थे| बाबाजी के आशीर्वाद के लिये लोक दिवाने थे, अनुयायी लोगो को चुनकर पंथ बनवाने मे लगे हुएँ थे| बाबाजी बहोत ज्ञानी थे, बस्स उनके अनुयायी बिलकुल हरामी थे| बाबाजी गांधीवादी होकर सत्य, अहिंसा के पुजारी बने थे, अनुयायी तो नथुरामायण का खेल चलाकर हिंसा को चमकाते थे| बाबाजी तो दिनभर पुजा अर्चा, किर्तन पाठ कर के दिन गुजारते थे, अनुयायी तो उसी की सिस्टिम बनाकर घर बसाते थे| बाबाजी वसुधैव कुटुंबकम् बोलकर तल्लीन हो जाते थे, अनुयायी तो बाबाजी को विश्व की सैर करवाते थे| बाबाजी का संवाद हर सजीव, निर्जीव से होता था, अलग अलग देशो मे बाबाजी की प्रतिमा बढाकर अनुयायी का दुकान चलता था| बाबाजी बहोत ज्ञानी थे, बस्स उनके अनुयायी बिलकुल हरामी थे| बाबाजी का ध्येय तो विश्व कल्याण